डॉक्टर संजय सिंह चौहान जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट ) के अनुसार हमारी पार्टी का निर्माण कम्युनिष्ट सिद्वान्त का निशेध नहीं बल्कि उसका विकास है क्योंकि जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट ) का चिंतन भौतिक विज्ञान (बाह्य विज्ञान) एवं आध्यात्मिक दर्षन (अन्तः विज्ञान) के बीच सामंजस्य पर आधारित होगा।
जिससे समाज में आर्थिक समानता के साथ- साथ सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व का भी निर्माण हो सके,क्योंकि यह जरूरी है कि वर्तमान समय में व्यक्ति, समाज और व्यवस्था का केन्द्रीय विषय बदला जाये एवं भौतिक विकास के साथ -साथ आवाम के नैतिक उत्थान की परिस्थितियां पैदा की जायें, क्योंकि गरीबी है और इसका एक बहुत बड़ा कारण यह है कि गरीबों का बेहतर संस्कार नहीं है, जिससे वह खुद को तेजी के साथ उठा सके। दूसरी तरफ अमीरों के संस्कार का स्तर इतना ऊंचा नहीं है कि वह गरीबों के हित के लिये काम कर सके और स्वयं को अतिरिक्त धन के बोझ से मुक्त कर सुकून भरी जिन्दगी जी सके ।
स्वामी कन्हैया दास महाराज का जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के लिए सानिध्य मिलना, आने वाले समय में जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के द्वारा स्वर्णिम युग की स्थापना की मिसाल बनेगा । बदलाव की इस मुहिम में हमें धैर्य, संयम और अनुशासन तथा सनातन परम्परा के ग्रंथों को वैश्विक चिन्तन एवं स्वरूप का महत्व समझकर बदलाव की शुरुआत खुद से ही करनी होगी ।
साथ ही मानवीय गुणों के विकास एवं मूल्यों की स्थापना में हमारी संस्कृति एवं सभ्यताओं (मिस्र , मेसोपोटामिया, सिन्धु, हडप्पा आदि) में समाहित सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व निर्माण की कला का बोध कराकर हमारे चिंतन और चरित्र को जो आयाम दिया है, निष्चित रूप से आज हम खुद को बेहद सौभाग्यशाली महसूस करते है एवं हमें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में पार्टी के नेतृत्व में सामाजिक ,आर्थिक क्रान्ति के साथ – साथ जो भी सांस्कृतिक क्रान्ति होगी उससे पूरा विश्व इनके दर्शन एव चिंतन से अवलोकित होगा।